मानस वन्यजीव अभयारण्य

मानस वन्‍यजीव अभ्‍यारण्‍य

मानस वन्‍यजीव अभ्‍यारण्‍य

असम

मानस नाम मनसा देवी से लिया गया है। यह स्थान अपने शानदार प्राकृतिक दृश्यों के लिए जाना जाता है, इसमें विभिन्न प्रकार के पर्यावास मौजूद हैं जिसमें विविध जीव-जंतु रहते हैं जिस कारण यह सभी भारतीय वन्यजीव क्षेत्रों में से सबसे अधिक समृद्ध है। यह उद्यान एक विशाल बाघ रिजर्व के उस मुख्य भाग को दर्शाता है जो पश्चिम बंगाल से अरुणाचल प्रदेश और भूटान सीमा तक महत्वपूर्ण प्रवासी वन्‍यजीव संसाधनों का संरक्षण करता है। इसकी दलदली भूमि का अंतरराष्ट्रीय महत्व है। यह इकलौता सबसे महत्वपूर्ण स्थान है जहां पिग्मी हॉग, हिस्पिड हेयर और गोल्डन लंगूर अब भी जीवित बचे हैं।

यह उद्यान, जिसमें मानस रिजर्व वन का भाग और उत्तर कामरूप रिजर्व वन का संपूर्ण भाग शामिल है, कछुगांव, हलतूगांव, पश्चिम असम वन्‍यजीव और उत्तर कामरूप के वन्य भागों में स्थित मानस टाइगर रिजर्व का मुख्य भाग है।

बाहरी हिमालय की तलहटी में बसा यह क्षेत्र निम्नस्थ और सपाट है। मानस नदी उद्यान के पश्चिमी भाग से होकर बहती है, जहां वह तीन अलग-अलग नदियों में बंट जाती है और 64 कि. मी. आगे दक्षिण की ओर पहुंच कर ब्रह्मपुत्र नदी से जा मिलती है। यह नदी और टाइगर रिजर्व से बहने वाली अन्य नदियां अपने साथ भारी मात्रा में तलहटी से गाद और शैल अवशेष बहा लाती हैं जिसके कारण भारी वर्षा, शैल की भुरभुरी प्रकृति और जलग्रहों की खड़ी-ढलानें हैं। इस कारण से विविध गहराई की रेत और मिट्टी जमी हुई परत के साथ जमी हुई शैलों और मलबे की गहरी परतों से युक्त जलोढ़ मेढ़ें, सरकती हुई नदी द्रोणियां और दलदल बन जाते हैं। पश्चिमी उद्यान में बोकि घाटी का क्षेत्र कई बार मानसून के दौरान पानी से भर जाता है। यहां पाई जाने वाली तीन मुख्य प्रकार की वनस्पतियां हैं: उद्यान के उत्तरी भाग में उष्णकटिबंधीय अर्द्ध-सदाबहार वन; उष्ण‍कटिबंधीय नम और शुष्क पर्णपाती वन (यह सबसे आम प्रकार है); तथा उद्यान के पश्चिमी भाग में वृहत जलोढ़ धासभूमियां।

  • National Culture Fund
  • http://india.gov.in/
  • http://www.incredibleindia.org/
  • http://ngo.india.gov.in/
  • http://nmi.nic.in/
  • https://mygov.in