सप्ताह का प्रादर्श-160
(22 से 28 जून 2023 तक)
जात्री पट्टी
एक धार्मिक स्मृति चिन्ह
जात्री पट्टी एक धार्मिक पेंटिंग है जो विशेष रूप से तीर्थयात्रियों के लिए होती हैै। प्राचीन समय में पुरी आने वाले तीर्थयात्री स्मृति चिन्ह के रूप में जात्री पट्टी लेकर आते थे। जात्री पट्टी पट्ट चित्रकारी का सबसे प्रारंभिक रूप है। यह विभिन्न आकृतियों और आकारों के पेपर और कपड़े दोनों पर चित्रित किया जाता है। जात्री पट्टियों में, त्रिमूर्ति से जुड़े रूपांकन हमेशा छोटे चित्रों के केंद्र में होते हैं, जबकि तुलनात्मक रूप से बड़े चित्रों में त्रिमूर्ति मंदिर के अंदर पाए जाते हैं। यह मूलतः त्रिमूर्ति को विभिन्न मुद्राओं में और पुरी के जगन्नाथ मंदिर की वास्तुकला को दर्शाता है।
जात्रीपट्टी में उपयोग किए जाने वाले मुख्य प्राकृतिक रंग शंख (सफेद), हेंगुला (लाल), नेली (नीला), पोचा (हरा), हरिताल (पीला), काला, और गेरू हैं। इन जात्रीपट्टियों को उनके आकार और माप के अनुसार अलग-अलग नाम दिये गये हैं, यथा अंगूठी (उंगली के अग्र भाग के नाप का गोल आकार), गोला (वृत्ताकार), पंच मंडिरिया (पांच मंदिरों का चित्रण), और शंखानवी (एक शंख पर मंदिर की वास्तुकला का चित्रण)।
आरोहण क्रमांक 2015.504
स्थानीय नाम - जात्री पट्टी, एक धार्मिक स्मृति चिन्ह
समुदाय- चित्रकार
स्थान- रघुराजपुर, जिला- पुरी, उड़ीसा
कलाकार- श्री प्रभाकर महाराणा
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Date: June 22, 2023