सप्ताह का प्रादर्श-189
(11 से 17 जनवरी 2024 तक)
पारंपरिक सावरा चित्र
पारंपरिक सावरा घरों में मिट्टी की दीवारों पर की जाने वाली सावरा चित्रकारी मुख्य रूप से लकड़ी के कोयले और चावल के पाउडर से निर्मित काले और
सफेद रंगों से की जाती है। छोटी आकृतियाँ, बिंदु और धब्बे सावरा चित्रकारी के प्रमुख तत्व हैं। प्रस्तुत प्रादर्श सावरा की एक कैनवास पेंटिंग है
जो आकर्षक होने के साथ साथ उनके पारंपरिक जीवन, आध्यात्मिकता, प्रकृति और वन्य जीवन के साथ संबंधों को दर्शाती है। यह उनकी जीवनशैली,
कृषि पद्धतियों, शिकार, त्योहारों और जंगल में जानवरों और पक्षियों के साथ उनके जीवन को दर्शाती है। पेंटिंग के दोनों ओर सूर्य और चंद्रमा की आकृतियां भी दर्शाई गई है।
सावरा पेंटिंग के ऊपरी हिस्से पर मानव आकृतियों के रूपांकन उनके जीवन में समुदाय और मानवीय संबंध के महत्व का प्रतीक हैं। यह चित्र सावरा जनजाति में मजबूत
सामाजिक बंधन और सामूहिक पहचान का बोध कराता है।सावरा चित्रों के निर्माण में प्राकृतिक रंगों और सामग्रियों का उपयोग न केवल जनजाति के प्रकृति के साथ
घनिष्ठ संबंध को दर्शाता है, बल्कि कलाकृति में एक अनूठी बनावट और प्रामाणिकता भी जोड़ता है। बांस की कोमल टहनियों और पशुओं के मुलायम रोएं से बना
ब्रश कलाकारों को जटिल विवरण बनाने और उनकी कहानियों को कैनवास पर जीवंत करने में मदद करता है।
आरोहण क्रमांक -99.129
स्थानीय नाम - सावरा पेंटिंग
समुदाय- सावरा
लंबाई -190 सेमी, चौड़ाई 156 सेमी.
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Date: January 11, 2024