एलीफेंटा गुफाएं

एलीफेंटा गुफाएं

एलीफेंटा गुफाएं

महाराष्‍ट्र

एलीफेंटा द्वीप भगवान शिव का गौरवशाली निवास स्थान और हिन्दू गुफा संस्कृति का प्रतीक हैं। यह मुंबई के निकट ओमान सागर में एक द्वीप पर सात गुफाओं का संजाल है जो अपने सुसज्जित मंदिरों और हिन्दू पौराणिक कथाओं से चित्रों के साथ एक लुप्त हुई संस्कृति का अद्वितीय साक्ष्य है। यहां भारतीय कला ने विशेष रूप से मुख्य गुफा में विशाल उच्च उभरी हुई नक्काशियों में अपने सबसे सुन्दर अभिव्यक्ति को पाया है।

घारापुरी द्वीप 'गुफाओं का शहर', मुंबई से लगभग 10 कि.मी. की दूरी पर बंदरगाह की पूर्व दिशा में स्थित है। यह नाम पुर्तगाली नाविकों द्वारा पत्थर से निर्मित विशालकाय हाथी की प्रतिमा के पाये जाने के कारण दिया गया था। पत्‍थर के इस हाथी को टुकडों में काटकर, मुंबई ले जाया गया था और किसी तरह इसे दुबारा जोड़ दिया गया था। यह आजकल महाराष्‍ट्र की महान राजधानी और जनसंख्या-वार भारत के द्वितीय शहर मुंबई के विक्टोरिया गार्डन चिड़ि‍याघर में पुरानी यादों का संरक्षक है।

इस प्रसिद्ध एलीफेंटा की गुफाओं के निश्चित समय के बारे में अभी भी बहुत चर्चाएं होती रहती हैं और विभिन्न विशेषज्ञों के अनुसार 6वीं सदी से लेकर 8वीं सदी तक इसके निर्माण कार्य का उल्‍लेख किया गया है। ये भारत में शैल कला के बहुत ही आकर्षक संग्रहों में से एक हैं। यहां गुफाओं के दो समूह हैं। पूर्व की ओर स्तूप पहाड़ी (इसके शीर्ष पर ईंट का छोटा बौद्ध स्तूप होने के कारण यह नाम दिया गया था) है जिसमें दो गुफाएं हैं, एक अधूरी है और कई तालाब शामिल हैं। पश्चिम की ओर पत्थरों को काटकर बनाए गए पांच हिन्दू मंदिरों का विशाल समूह है। मुख्य गुफा शिव की शोभा बढ़ाने वाली इसकी नक्काशियों के कारण सर्वत्र प्रसिद्ध है जिसे विभिन्न कला रूपों और घटनाक्रमों में सराहा गया है। गुफा में एक वर्गाकार ढांचे का मण्डप है जिसके किनारों की लंबाई लगभग 27 मी. है।

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