काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
असम
असम के ठीक मध्य में स्थित, यह उद्यान भारत में सुदूर पूर्व स्थित क्षेत्रों में से एक है जो मानवीय उपस्थिति से अछूता है। यहां एक – सींग वाले गैंडों की सबसे बड़ी जनसंख्या के साथ-साथ बाघों, हाथियों, पैंथरों और भालुओं सहित कई स्तनधारियों एवं हजारों पक्षियों का वास है।
यह स्थान मिकिर पहाडि़यों के नीचे ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी तट पर स्थित है। इस जलीय पर्यावरण से जुड़े आवास स्थान में मुख्यत: लंबी, घनी घासभूमियां हैं जिसमें बीच-बीच में छितरे हुए खुले वन हैं, जो नदियों और अनगिनत छोटी झीलों (भील) से आपस में जुड़े हुए हैं। इस क्षेत्र का तीन चौथाई या उससे अधिक भाग हर साल ब्रह्मपुत्र नदीं में आने वाली बाढ़ से पानी में डूब जाता है। यहां की मिट्टी ब्रह्मपुत्र और इसकी उप-नदियों के जलोढ़क जमाव से बनी हैं।
यहां तीन मुख्य प्रकार की वनस्पतियां पाई जाती हैं :
Tजलोढ़ जलप्लावित घास भूमियां, उष्णकटिबंधीय आर्द्र सदाबहार वन तथा उष्णकटिबंधीय अर्ध-सदाबहार वन। पश्चिमी भाग में घासभूमियों की अधिकता है, जिसमें भीलों को घेरे हुए लंबी ‘एलिफेंट’ घास सहित ऊंचे क्षेत्र और छोटी घास वाले निचले क्षेत्र हैं। पिछले हजारों वर्ष से वार्षिक रूप से जल प्लावन और शुष्कीकरण के कारण ही इनका पोषण हो रहा है। कंचनझुरी, पानबाड़ी और तामुलिपठार खंडों के निकट उष्णकटिबंधीय आर्द्र सदाबहार वनों में वृक्षों का बाहुल्य है। उष्णकटिबंधीय अर्ध सदाबहार वन बागुड़ी, बिमली और हल्दीबाड़ी में स्थित हैं।