नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान

नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्‍ट्रीय उद्यान

नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्‍ट्रीय उद्यान

उत्‍तरांचल

नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान, हिमालय में सबसे बेहतरीन वन्य क्षेत्रों में से एक है। इसमें नंदा देवी की चोटी प्रमुख है, जिसकी ऊंचाई 7,800 मीटर से भी अधिक है। इस उद्यान में कोई भी मनुष्य नहीं रहता है। यह अपनी दुर्गमता के कारण कमोवेश अक्षुण्ण बना हुआ है। यह उद्यान अनेक विलुप्त प्राय स्त्नधारियों, विशेषरूप से हिम तेंदुआ, हिमालयी कस्तूरी मृग और भराल का निवास स्‍थल है।

यह पार्क गढ़वाल हिमालय के भीतर चमोली जिले में अवस्थित है। इसमें ऋषि गंगा, धौली गंगा, धौली गंगा की एक पूर्वी सहायक नदी, जो जोशीमठ में अलकनंदा नदी में प्रवाहित होती है, का जल संग्रहण क्षेत्र शामिल है। यह क्षेत्र एक विशाल हिमनदीय घाटी है, जो एक सामानांतर श्रृंखलाओं अर्थात् उत्तर-दक्षिण उन्मुख पर्वतमालाओं द्वारा विभक्त हैं। ये पर्वत किनारा को घेरते हुए ऊपर की ओर बढ़ती हैं, जिसके साथ दुनागिरि, चांगबांग और नंदा देवी पूर्व सहित बेहतर रूप से ज्ञात लगभग एक दर्जन शिखर हैं।

नंदा देवी पश्चिम जो भारत की दूसरी ऊँची पर्वत माला है, एक छोटी पर्वत श्रेणी पर स्थित है और यह घाटी में आगे की ओर निकलती है तथा पूर्वी किनारे पर नंदादेवी पूर्व से ऊँची होती जाती है। दक्षिण-पश्चिम में त्रिशूल भी बेसिन के भीतर अवस्थित है। उपरी ऋषि घाटी, जिसे अक्सर ''भीतरी अभ्यारण्य'' के रूप में उल्लिखित किया जाता है, इसे उत्तर में चांगबांग, उत्तर ऋषि और उत्तर नंदा देवी हिमनदी द्वारा तथा नंदादेवी पर्वत के दक्षिण में दक्षिण नंदा देवी और दक्षिणी ऋषि हिमनदियों द्वारा सिंचित किया जाता है। उत्तरी और दक्षिणी ऋषि नदियों के संगम से नीचे की ओर देवी स्‍थान ऋषिकोट पर्वतमाला को काटते हुए एक चिताकर्षी संकीर्ण नदी घाटी विद्यमान है। त्रिशुली और रमणी हिमनदियां निचली ऋषि घाटी अथवा ''बाहरी अभ्‍यारण्‍य'' की विशेषताएं हैं, और इसके नीचे ऋषि गंगा संकीर्ण, सीधी खड़ी नीचे की ओर संकरी नदी घाटी में प्रवेश करती है।

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